आप करने जा रहे हैं एनुअल फंक्शन का आगाज। तो सुन ले हमारी भी खास बात आज। हमारी शायरी और एनुअल फंक्शन स्क्रिप्ट को शामिल करें अपने वार्षिक उत्सव में। Annual function funny shayari script PDF
यहां पर पेश है वार्षिक उत्सव पर मंच संचालन के लिए खास और फनी शायरी। साथ में annual function पर एंकर के लिए शानदार स्टेप्स। एनुअल फंक्शन के लिए शायरी और एंकरिंग स्क्रिप्ट का यह दूसरा भाग है।
Annual Function Shayari: वार्षिक उत्सव पर एंकरिंग स्क्रिप्ट और शायरी।
वार्षिक उत्सव एंकरिंग और शायरी pdf
नमस्कार दोस्तों। आज के इस एनुअल फंक्शन में आपका शानदार और गर्मजोशी वाला स्वागत है। आप सभी अपना अपना स्थान ग्रहण करें और अब अपने मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि यहां पर पधार चुके हैं, आप तालियों से उनका स्वागत करें। मां सरस्वती के दीप प्रज्वलन और बसंत पंचमी के इस विशेष अवसर पर दीप प्रज्वलन के बाद होगा हमारे इस स्कूल/कॉलेज का शानदार वार्षिक कार्यक्रम।
पधारे हुए सभी प्रबुद्ध नागरिकों। आज इस एनुअल फंक्शन के मौके पर ईश्वर की कृपा है कि आप सभी के दर्शन सुलभ हो गए। वरना कहां मिलना होता है बार-बार। वार्षिक उत्सव के इस कार्यक्रम के बहाने से आप और हम सभी मिलकर एक जगह एकत्र हुए हैं। उस परमपिता परमात्मा की असीम कृपा से आज इस विद्यालय का 15 वां वार्षिक उत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ किया जा रहा है।
वार्षिक उत्सव दीप प्रज्वलन
हमारी मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि मंच पर पधार चुके हैं। अब मैं अतिथि महोदय एवं प्राचार्य श्रीमान से निवेदन करूंगा कि वह माता सरस्वती का माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर मां शारदा की स्तुति करें।
ज्ञानदायिनी माता शारदा के आशीर्वाद से हम आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं। जिस पर हो माता सरस्वती का आशीर्वाद उसे कौन रोक सकता है बुलंदियों तक पहुंचने से।
दीप प्रज्वलन। माता सरस्वती की स्तुति और उसके बाद अतिथियों का आसन ग्रहण।
वार्षिक उत्सव अतिथि स्वागत
दीप प्रज्वलन का कार्यक्रम संपूर्ण होने के बाद मैं अपने विद्यालय के संस्था प्रधान तथा स्टाफ बंधुओं से निवेदन करूंगा कि वह आए हुए मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि को माला पहनाकर तथा साफा बांधकर उनका स्वागत करें।
मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि को तिलक लगाकर माला पहनाई जाती है तथा साफा बांधा जाता है।
हमारे देश की यह पावन परंपरा रही है”अतिथि देवो भव”। मेहमान जो हमारा है। वह हमें जान से भी प्यारा है। अब मैं हमारे विद्यालय में पधारे हुए अतिथियों के स्वागत के लिए स्वागत गान जीत के लिए छात्राओं को आमंत्रित करता हूं कि वह मंच पर आकर अपनी प्रस्तुति दें।
स्वागत गीत प्रारंभ किया जाता है। मेहमानों के स्वागत के लिए शायरी-
आप आए हैं हमारे इस उत्सव में।
अपनी सब मीटिंग टाल दी।
वार्षिक उत्सव में आकर आपने।
इस समारोह में जान डाल दी।
***”
दूरियां बहुत हैं।
यह एहसास है।
आप चलकर आए हमारी इस उत्सव में
क्योंकि आपके लिए हम और हमारे लिए आप लिए खास है।
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उन फूलों का भी क्या खिलना? जो महकते नहीं हैं।
और उन शोलों का भी क्या सुलगना जो दहकते नहीं हैं।
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तो इस दहकती और सुलगती शाम में पेश करते हैं हम कुछ मजेदार और रंगीन तबीयत भरी एनुअल फंक्शन शायरी। किसी ने क्या खूब कहा है दोस्तों।
“अपनी जिंदगी को अपने जीवन को अपने तरीके, अपनी मौज में जीना चाहिए वरना दूसरों की खुशी के लिए तो शेर भी सर्कस में नाचता है।”
एनुअल फंक्शन डांस प्रोग्राम प्रस्तुति
अब मैं कार्यक्रम के आरंभ में सांस्कृतिक प्रस्तुति में भारतीय लोक कला एवं लोक नृत्य की शुरुआत करती भी मिस नेहा को आमंत्रित करता हूं कि वह स्टेज पर आएं और अपनी अद्भुत प्रस्तुति से दर्शकों को अवगत कराएं।
एनुअल फंक्शन के इस अवसर पर मिस नेहा ने क्या शानदार डांस प्रस्तुति दी है। उनके रंगों आब और अद्भुत अंदाज पर प्रस्तुत है शायरी।
सरसों की पीली फुलवारी।
उस पर गुलाब की चिटकारी।
आपकी साड़ी के झिलमिलाते रंगों ने, महफिल जमा दी आज की सारी।
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इस तरह से एनुअल फंक्शन में डांस लोक कला एवं अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों पर एंकर प्रतिभागियों का मनोबल बढ़ाने के लिए कोई ना कोई शायरी बोलते रहें और अगले कार्यक्रम के लिए तैयार होने तथा दर्शकों को भी उससे अवगत कराते रहें।
साथ ही वार्षिक उत्सव के इस कार्यक्रम में दर्शकों को तरोताजा रखने और प्रतिभागियों को मोटिवेशन देने के लिए दर्शकों से तालियां बजवाते रहें साथ ही शानदार प्रस्तुति के लिए कुछ न कुछ मोटिवेशनल शब्द कहते रहें।
एनुअल फंक्शन शायरी
आंधी तूफान से परिंदे कब डरते हैं।
पंखों से नहीं हौसलों से उड़ान भरते हैं।
इस जमी का सितारा हमेशा बुलंद रहेगा,
जिसको देवता भी नमन करते हैं।
***
यह जंजीरे अब हमें बांध नहीं पाएगी।
हम आजाद परिंदे हैं जो खुले आसमान में उड़ते हैं।
वो और होंगे बहरूपिया जो तमाशा करके चले जाते हैं।
हम तो यहां पर इंसानियत का जश्न मनाने आए हैं।
***
संघर्ष और मुसीबतों में ही जीने का असली मजा है।
सुकून से भरी जिंदगी तो दीवानों के लिए सजा है।
यह जमी और यह आकाश, सब तेरा होगा।
बढ़ कदम मजबूती से अंधेरे वीराने में भी, नया सवेरा होगा।
***
खुद में तू इतना विश्वास पैदा कर।
गड़गड़ाती बिजलियों का आकाश पैदा कर।
जमाना झुक जाएगा तेरे कदमों में।
तू एक नया इतिहास पैदा कर।
***
इंसान माटी का पुतला है, मगर माटी नहीं है।
लक्ष्य को भेदना सीख, जिंदगी बार-बार आती नहीं है।
***
आसमा के अंतिम छोर तक पहुंचना है तुझे।
पंख भले ही टूट कर बिखर जाएं।
सितारों में नाम तेरा कुछ इस तरह से रोशन होगा,
किस सारे ग्रह तेरे सम्मान में जलकर जगमगाएंगे।
***
हजारों चांद जगमगा उठे आपके आने से।
हमें सुलभ हुए आपके दर्शन और आशीर्वाद।
इस एनुअल फंक्शन के बहाने से।
**”
कंचन हो तो आपके दिल जैसा।
चंदन हो तो आपके तन जैसा।
अंजन हो तो आपके नूर जैसा।
बंधन हो तो आपके मन जैसा।
**”
मनमंदिर है आपका दिल दरिया है।
आपने जो इस विद्या आंगन को दान कर दिया है।
मानो छोटी नदी और समंदर से भर दिया है।
***
हल्दी भी होगी चंदन होगा।
जुम्हार होगी वंदन होगा अभिनंदन होगा।
आपके आने से खुशियां हुई हजार।
अब खूबसूरत यह एनुअल फंक्शन होगा।
***
मीत को मीत मिले राही को राही।
आपकी तालियों ने हमारी प्रस्तुति सराही।
सितारों की महफिल में खुशियों का संगम है।
वार्षिक उत्सव है तो आज सर्दी भी जरा कम है।
दुनिया होगी। जहान होगा। तू उड़ने की कोशिश तो कर परिंदे। तेरे लिए खुला सारा आसमान होगा।।
वार्षिक उत्सव कविता
वक्त तो यूं ही गुजरता चला जाएगा..
के,वक्त तो यूं हीं गुजरता चला जाएगा… आएंगी मुसीबतें हजारों मगर.. आएंगी मुसीबतें हजारों मगर.. ये कारवां यूं ही हद से आगे निकलता जाएगा।
वक्त का कोई तकाजा नहीं है….के, वक्त का कोई तकाजा नहीं है… कल क्या होगा इसका कोई अंदाजा नहीं है। के वक्त यूं ही गुजरता चला जाएगा। आएंगी मुसीबतें हजारों मगर.. यह कारवां यूं ही हद से निकलता ही जाएगा।
हमें भी बताओ उल्फत की बैचेनियां। हमें भी बताओ उल्फत की बेचैनियां। यह मोहब्बत का सिलसिला कहां तक जाएगा।
तू करना कोशिशें हजार… तू करना कोशिशें हजार.. आए भले ही मुसीबतों का पारावार। लहरों की बेशुमारी से न मानना अपनी हार। फिर देखना एक दिन तेरी हिम्मत के आगे… समंदर भी उतरता चला जाएगा। के वक्त यूं ही गुजरता चला जाएगा।
***
एनुअल फंक्शन के जलवों को आज इस फिजां में बिखर जाने दो।
लहराती ढलती इस रोशन शाम में
सूरज की रोशनी से चंद्रमा की चांदनी को
मिलकर गुजर जाने दो।
एनुअल फंक्शन के जलवों को आज इस फिजां में बिखर जाने दो। लहराती ढलती इस रोशन शाम में सूरज की रोशनी से चंद्रमा की चांदनी को मिलकर गुजर जाने दो।
कुछ इंसान इतने नजदीक होते हैं कि दूरी में भी अपनेपन का एहसास होता है। जैसे तपती दुपहरी में बेचैन प्यासे को फरवरी की ठंडी शीतलता का एहसास होता है।
खूबसूरत यह पल याद आएंगे।
जब तनहाई में कभी हम अपना
स्कूली जीवन का इतिहास उठाएंगे।
जब भी कभी इस शहर से दूर जाएंगे
और वहां अपने किसी बिछड़े को पाएंगे
तो फिर दिल में यह पुराने भाव जगमग आएंगे।
मिलेंगे जब कभी पुराने दोस्तों से
हम फिर बचपन की किताब उठाएंगे
यादों के झूले में झूलेंगे हम
जब पुराने दोस्तों को गली लगाएंगे।
हसरत फिर होगी एक बार जिंदा
जिंदगी की राहों में जिसे छोड़ निकल गए हम आगे
उन भूले बिसरे पन्नों को
जब नई जिल्द में पाएंगे।
एनुअल फंक्शन के कार्यक्रम में शानदार प्रस्तुति के साथ साथ ही एंकर पर भी निर्भर करता है कि वह किस तरह से कार्यक्रम को मोटिवेट करता है।
एनुअल फंक्शन पर यह शायरी का हमारा यह दूसरा कलेक्शन था। इससे पहले भी हमने वार्षिक उत्सव पर बेहतरीन और मौलिक शायरी लिखी हैं तथा आगे भी आपको एनुअल फंक्शन के लिए एंकरिंग स्क्रिप्ट और शायरी यहां पर पढ़ने को मिलेंगी।
इसके अलावा भी आप हमारी वार्षिक उत्सव के लिए लिखी गई शायरी और जोक्स की पोस्ट पढ़ सकते हैं जिनमें आपको एक अलग ही अंदाज मिलेगा।
annual function funny shayari pdf वार्षिक उत्सव पर मजेदार फनी शायरी और मंच संचालन स्क्रिप्ट। वार्षिक उत्सव पर शायरी।
एनुअल फंक्शन के लिए शायरी और एनुअल फंक्शन के लिए एंकरिंग स्क्रिप्ट तथा एनुअल फंक्शन पर सुनाई जाने वाले मजेदार चुटकुलों के लिए आप हमारी अन्य पोस्ट पढ़ सकते हैं।
वार्षिक उत्सव के लिए शायरी। एनुअल फंक्शन शायरी।