Rajasthan State insurance benefits in Hindi. राज्य बीमा के लाभ हिंदी में।

राजस्थान स्टेट इंश्योरेंस में निवेश करने के इतने सारे बेनिफिट हैं कि इनके बारे में जानने के बाद आप किसी एलआईसी या और कहीं निवेश करने के बजाए Rajasthan State insurance में बीमा करने का विचार बना लेंगे। आपको State insurance policy benefit in hindi में राजस्थान स्टेट इंश्योरेंस में बीमा करने के क्या लाभ हैं और आप किस तरह से राजस्थान स्टेट इंश्योरेंस में बीमा कर सकते हैं और किस तरह बेनिफिट्स पा सकते हैं।

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Rajasthan State insurance benefits

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राजस्थान राज्य में सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारी इस राज्य बीमा स्कीम में निवेश कर सकते हैं हालांकि राजस्थान सरकारी कर्मचारियों के लिए उनके वेतन के अनुसार स्टेट इंश्योरेंस बीमा में निवेश करने की सीमा निर्धारित की गई है परंतु यदि वे चाहें तो अपने वेतन की सीमा से कुछ अधिक भी स्टेट इंश्योरेंस पॉलिसी में निवेश कर सकते हैं।

राजस्थान कर्मचारी बीमा यह योजना एक अत्यंत लाभकारी योजना है और एलआईसी या अन्य किसी भी बीमा योजना के बजाय यह अधिक रिटर्न और सुरक्षा प्रदान करती है। इसमें केवल राजस्थान सरकार के स्थाई कर्मचारी और विभिन्न प्रतिष्ठानों में कार्यरत कर्मचारी ही निवेश कर सकते हैं और यह निवेश राशि उनके वेतन से कटती है।

राजस्थान सरकार का प्रत्येक कर्मचारी अपने मार्च माह के वेतन से इसमें कर्मचारी बीमा निधि विभाग की लिमिट और अपनी आवश्यकता के अनुसार कटौती करवा सकता है।

राजस्थान स्टेट इंश्योरेंस कटौती क्या है और राजस्थान स्टेट इंश्योरेंस में कितनी कटौती करवा सकते हैं इसके बारे में हमारी यह पोस्ट पढ़ें

एसआई कटौती स्लैब। स्टेट इंश्योरेंस कटौती ऑनलाइन कैसे करें

हम यहां पर राजस्थान स्टेट इंश्योरेंस पॉलिसी के बारे में उससे मिलने वाले बेनिफिट और मिलने वाले ब्याज के बारे में चर्चा करेंगे। राजस्थान स्टेट इंश्योरेंस मैं अपने वेतन से कटौती करवाना अनिवार्य हैं परंतु कई लोग बिना जानकारी के अभाव में इससे बहुत कम कटौती करवाते हैं और बाद में जाकर कटौती बढ़ाने की कोशिश करते हैं।

क्योंकि राजस्थान इंश्योरेंस पॉलिसी एक लाभदायक बीमा पॉलिसी है, शुरुआत में कर्मचारी पॉलिसी की पूरी जानकारी मैं होने के कारण कम कटौती करवाते हैं और बाद में इसे बनवाने का प्रयास करते हैं इसलिए हम आपको शुरुआत में ही यह परामर्श देंगे कि आप अपने वेतन से जितना अधिक हो सके राजस्थान स्टेट इंश्योरेंस पॉलिसी में कटौती करवाएं क्योंकि इसके बहुत सारे बेनिफिट हैं जो आप इस फोटो पूरी पढ़ने के बाद समझ जाएंगे।

जो नए कर्मचारी राजस्थान सेवा में नियुक्ति पाते हैं वह अक्सर स्टेट इंश्योरेंस पॉलिसी में कम कटौती करवाते हैं और बाद में जागरूक होने पर अपनी पॉलिसी बढ़ाते हैं परंतु आपको बता दें कि शुरुआत से ही अधिक कटौती करवानी चाहिए। क्योंकि इसमें बेनिफिट्स ज्यादा है और शुरुआती कटौती का जल्दी ही है बे लाभ इंक्रीमेंट या डीए में मिल जाता है।

तो चलिए चर्चा करते हैं Rajasthan State insurance policy benefist बारे में। राजस्थान स्टेट पॉलिसी में अधिक कटौती करवाने के निम्न फायदे हैं।

राजस्थान स्टेट इंश्योरेंस के बेनिफिट

राजस्थान स्टेट इंश्योरेंस पॉलिसी में निवेश करने के हमें निम्न प्रकार से बेनिफिट्स हैं।

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1.स्टेट इंश्योरेंस में अधिक ब्याज

राजस्थान स्टेट इंश्योरेंस पॉलिसी में एलआईसी, या अन्य किसी जीवन बीमा पॉलिसी से अधिक ब्याज दिया जाता है। वर्तमान में वित्तीय वर्ष 2020 से स्टेट इंश्योरेंस पॉलिसी पर 7.5 प्रतिशत की दर से ब्याज देय है जो अन्य किसी भी बीमा पॉलिसी पर दी जाने वाली ब्याज से सर्वाधिक है। इस प्रकार आपको अपने ही डिपार्टमेंट में इन्वेस्ट करने का मौका मिलता है और आप किसी भी प्राइवेट पॉलिसी को खरीदने के बजाय यदि इसमें अधिक इन्वेस्ट करते हैं तो बेहतर ब्याज मिलता है।

हालांकि जब यह राज्य जीवन बीमा पॉलिसी आरंभ की गई थी तो इसमें 12% की दर से ब्याज दिया जाता था जिसे आगे के वर्षों में सरकार ने आर्थिक आंकड़ों के आधार पर इसे कम करना शुरू कर दिया और वर्तमान में यह 7.5 प्रतिशत की ब्याज राशि दी जाती है जोकि किसी भी सरकारी एफडी या सावधि जमा या पीएलआई से बेहतर है।

2.मृत्यु की स्थिति में संपूर्ण बीमा धन का दुगुनी राशि नॉमिनी को मिलना

सेवानिवृत्ति से पहले ही यदि किसी कर्मचारी की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है तो संपूर्ण बीमा धनराशि का दुगुना बीमा धन कर्मचारी के नॉमिनी को भुगतान किया जाता है। इस दृष्टि से यह स्टेट इंश्योरेंस पॉलिसी अलग और लाभदायक है क्योंकि किसी भी इंश्योरेंस पॉलिसी में बीमा धन का ही भुगतान किया जाता है परंतु इस पॉलिसी में बीमा धनराशि का दुगुना भुगतान ब्रह्मचारी के नॉमिनी को किया जाता है।

इसे इस तरह भी समझ सकते हैं जैसे मान लीजिए आपने एलआईसी या किसी अन्य बीमा कंपनी से निर्धारित मासिक प्रीमियम पर कोई 500000 की बीमा पॉलिसी ली है और आत्मिक दुर्घटना होने पर यदि पॉलिसी धारक की मृत्यु हो जाती है तो बीमा कंपनी पॉलिसी धारक के आश्रितों को बीमा धन यानी 500000 का भुगतान करती है परंतु कर्मचारियों के लिए इस स्कीम के अनुसार राज्य जीवन बीमा विभाग द्वारा बीमा धन के दुगुनी राशि और बोनस आदि सहित भुगतान किया जाता है।

इस तरह से राजस्थान राज्य बीमा विभाग की यह पॉलिसी कर्मचारी को सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ आकस्मिक दुर्घटना होने पर उनके परिवार या आश्रितों को आर्थिक संबलन देती है।

3.सेवा मुक्ति या त्यागपत्र पर बीमा धन का लाभ

यदि किसी सरकारी कर्मचारी की पॉलिसी के परिपक्व होने की अवधि के बीच में ही नौकरी बदल जाती है या वह सेवा से त्यागपत्र दे देता है तो उसे Rajasthan State insurance का पूरा benifit मिलता है। अन्य पोलिसी में बीच में पोलिसी छोड़ने पर पूरा पैसा नहीं मिलता क्योंकि उनकी सरेंडर वैल्यू कम होती है जबकि State insurance policy में जमा धन और उस पर पूरा ब्याज मिलता है।

यदि कोई कर्मचारी राज्य के किसी विभाग में कार्यरत है और उसकी स्टेट इंश्योरेंस में कटौती हो रही है और बाद में वह किसी अन्य विभाग में उच्च पद या अन्य किसी पद पर नौकरी करता है, जैसा कि होता है बहुत सारे नव युवा जो तैयारी करते रहते हैं वह किसी अन्य विभाग में अच्छे पद पर चले जाते हैं तो पिछले विभाग से स्टेट इंश्योरेंस की हुई कटौती वह नई विभाग में भी करवा सकते हैं और पूर्व के समान ही राजस्थान स्टेट इंश्योरेंस इस पॉलिसी का लाभ उठा सकते हैं

परंतु यदि कोई कर्मचारी सेवा से त्यागपत्र दे देता है अर्थात नौकरी छोड़ता है तो उसे स्टेट इंश्योरेंस में दिए गए प्रीमियम क्या आधार पर उसे अध्यर्पण राशि का बीमा विभाग द्वारा भुगतान किया जाता है अर्थात उसके द्वारा जमा कराई गई राशि और उस पर मिलने वाले ब्याज में कोई कटौती नहीं की जाती।

4.बीमा धन की राशि अधिक होना

यदि आप तुलना करेंगे तो पाएंगे कि राज्य बीमा विभाग में आपके द्वारा दिए गए प्रीमियम के मुकाबले बीमा धन की राशि बहुत अधिक होती है।

यदि आप किसी भी एलआईसी या प्राइवेट पॉलिसी में दो हजार प्रति माह तक प्रीमियम भरते हैं तो आपकी बीमा धनराशि अधिक से अधिक चार या पांच लाख हो सकती है क्योंकि वे बीमा कंपनी आपको सिर्फ दुर्घटना की स्थिति में सुरक्षा प्रदान करती हैं परंतु राज्य बीमा में यदि आप इतनी ही राशि का प्रतिमाह भुगतान करते हैं तो यह राशि 9 से 1000000 के बीच हो सकती है।

इस तरह से आपकी पॉलिसी पर बीमा धनराशि भी अधिक होती है और आकस्मिक दुर्घटना होने की स्थिति में बीमा विभाग द्वारा उसके दुगुने बीमा धनराशि का भुगतान किया जाता है।

राज्य बीमा में प्रतिमाह प्रीमियम भरने की राशि तथा

5.बीमा धन पर बोनस और अन्य संदेय

राजस्थान स्टेट इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत आपकी प्रीमियम राशि और बीमा धन के अनुसार इस पर प्रति वर्ष बोनस की घोषणा सरकार द्वारा की जाती है। अन्य बीमा पॉलिसियों में भी बोनस की है घोषणा की जाती है।

यहां पर आपको प्रतिवर्ष भरे जाने वाली प्रीमियम की राशि पर अलग-अलग पॉलिसी के अनुसार बोनस प्रदान किया जाता है और यह कर्मचारी के बीमा खाते में जुड़ता जाता है। प्रतिवर्ष दिए जाने वाले बोनस की राशि प्रति हजार पर गणना की जाती है जिसका आप विभाग की वेबसाइट पर जाकर अवलोकन कर सकते हैं। प्रतिवर्ष दिए जाने वाले बोनस के बारे में राज्य सरकार द्वारा आदेश निकाले जाते हैं।

6.स्टेट इंश्योरेंस कर मुक्त

राजस्थान स्टेट इंश्योरेंस पॉलिसी में आप प्रत्येक फाइनेंशयल ईयर में जितना प्रीमियम भरते हैं वह राशि कर से मुक्त होती है।

आयकर विभाग की धारा 80 ब के तहत आपके द्वारा राज्य बीमा पॉलिसी में कटौती करवाई गई राशि इनकम टैक्स की छूट में आती है इसलिए इस राशि पर आयकर के नियमों के अनुसार उस फाइनेंशियल ईयर में आपको कर नहीं देना पड़ेगा। अभी कर्मचारियों के लिए डेढ़ लाख तक की छूट प्रदान की गई है इसलिए आप इसमें कटौती राशि बढ़ाकर इनकम टैक्स में मिलने वाले बेनिफिट का फायदा उठा सकते हैं।

7.स्टेट इंश्योरेंस में लोन लेने की सुविधा

आप अपने जमा किए गए धन पर लोन ले सकते हैं और यह राज्य बीमा पॉलिसी की सबसे बड़ी विशेषता है क्योंकि इसमें लोन लेने पर भी 7.5 प्रतिशत का ही ब्याज देना होता है।

हमारे द्वारा जमा की गई रकम को एक तरह से जरूरत पड़ने पर उपयोग में लेने का यह एक जरिया है क्योंकि स्टेट इंश्योरेंस पर लोन लेने में हमें वही ब्याज देना होता है जो हमारे बीमा धन पर बीमा विभाग हमें प्रदान करता है अर्थात स्टेट इंश्योरेंस से लोन लेने पर हमें 7.5 फीसद की दर से ही ब्याज देना होता है।

राजस्थान जीवन बीमा की सबसे बड़ी यह विशेषता है कि हम इसमें लोन ले सकते हैं और इसके लिए हम वही ब्याज चुकाते हैं जो हमें सरकार देती हैं।

जबकि आप जानते हैं किसी भी बैंक या जीवन बीमा पॉलिसी पर लोन लें हमें ब्याज अधिक चुकाना पड़ता है। इसीलिए बहुत सारे पुराने कर्मचारी आपको एसआई से लोन लेने का सुझाव देंगे, क्योंकि वह जरूरत पड़ने पर या परिवार में कोई आकस्मिक कार्य शादी विवाह के अवसर पर, बच्चों की पढ़ाई लिखाई या मकान बनवाने या अन्य किसी कार्य के लिए लोन लेते हैं और उन्हें इसके फायदे पता हैं।

आप एक निश्चित धनराशि स्टेट इंश्योरेंस में जमा करने के बाद उस राशि का 90% तक लोन ले सकते हैं और इस पर 7.5 प्रतिशत की दर से ब्याज सहित 36 या उससे कम किश्तों में वापस जमा करवा सकते हैं।

आजकल स्टेट इंश्योरेंस से लोन लेने के लिए आपको ज्यादा कुछ भागदौड़ नहीं करनी पड़ती और यह ऑनलाइन आवेदन करने के साथ ही आप स्टार्ट इंश्योरेंस से लोन प्राप्त कर सकते हैं और साथ ही आप स्टेट इंश्योरेंस से कितना लोन ले सकते हैं यह भी जानकारी ऑनलाइन ही प्राप्त कर सकते हैं, अधिक जानकारी के लिए यह पोस्ट पढ़ें,

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8.रिटायरमेंट पर ब्याज मुक्त धन मिलना

स्टेट इंश्योरेंस (SI) से सेवानिवृत्ति के बाद जो आपको एकमुश्त राशि मिलती है उस राशि और उस पर मिलने वाले ब्याज तथा बोनस आदि की संपूर्ण राशि कर मुक्त है अर्थात आपको इस पर सरकार को कोई कर नहीं देना पड़ता।

इस तरह से हम अपनी स्टार्ट इंश्योरेंस पॉलिसी में जमा की गई राशि पर वर्तमान में कर छूट पा सकते हैं और रिटायरमेंट के समय मिलने वाली संपूर्ण बीमा धनराशि पर भी हमें कोई कर नहीं देना होता है।

अंतिम निष्कर्ष

इस तरह से आपने देख लिया कि राजस्थान सरकार के कर्मचारियों के लिए इंश्योरेंस विभाग की यह एक बेहतरीन स्कीम है। यह कम निवेश और लॉन्ग अवधि के लिए किया जाने वाला निवेश है जो कर्मचारी और उसके आश्रित परिवार को आर्थिक सुरक्षा की गारंटी देता है और रिटायरमेंट के वक्त एक अच्छी खासी रकम प्रदान करने की गारंटी देता है।

अन्य कोई भी बीमा संबंधित पॉलिसी हम इसलिए लेते हैं ताकि आकस्मिक दुर्घटना या मृत्यु होने की स्थिति में परिवार को आर्थिक सहायता मिल सके परंतु यह स्कीम इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि ऐसी कोई घटना ने होने पर भी हमें पॉलिसी परिपक्व होने के बाद एक अच्छी खासी रकम और उसका ब्याज मय बोनस के मिलता है जबकि अन्य बीमा पॉलिसी या ट्रम प्लान हमें केवल दुर्घटना या मृत्यु होने की स्थिति में ही सुरक्षा प्रदान करती है, पॉलिसी परिपक्व होने के बाद कुछ नहीं या बहुत कम मिलता है।

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इसलिए मैं अपने साथी कर्मचारियों को यह सलाह देना चाहूंगा कि राजस्थान स्टेट इंश्योरेंस पॉलिसी में अधिक से अधिक निवेश करें और यदि आप पुराने कर्मचारी हैं तो अपनी वर्तमान कम प्रीमियम दर को अधिक बढ़ा लें।

यदि आप 30 से 45 वर्ष की उम्र के सरकारी कर्मचारी है तो आपको अपनी राज्य बीमा पॉलिसी में अभी से अधिक निवेश कर लेना चाहिए क्योंकि 50 वर्ष या उसके बाद प्रीमियम दर बढ़ाने से ज्यादा बेनिफिट नहीं मिलता है।

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